इस पाठ में कई हिस्से हैं जहाँ किसी काम को करने का तरीका समझाया गया है? जैसे-

छोटी मछलियों को पकड़ने के लिए इसे पानी की सतह पर रखा जाता है और फिर धीरे-धीरे चलते हुए खींचा जाता है। बाँस की खपच्चियों को इस तरह बाँधा जाता है कि वे एक शंकु का आकार ले लें। इस शंकु का ऊपरी सिरा अंडाकार होता है। निचले नुकीले सिरे पर खपच्चियाँ एक-दूसरे में गुँथी हुई होती हैं।


इस वर्णन को ध्यान से पढ़कर नीचे दिए प्रश्नों के उत्तर अनुमान लगाकर दो। यदि अंदाज लगाने में दिक्कत हो तो आपस में बातचीत करके सोचो-


(क) बाँस से बनाए गए शंकु के आकार का जाल छोटी मछलियों को पकड़ने के लिए ही क्यों इस्तेमाल किया जाता है?


(ख) शंकु का ऊपरी हिस्सा अंडाकार होता है तो नीचे का हिस्सा कैसा दिखाई देता है?


(ग) इस जाल से मछली पकड़ने वालों को धीरे-धीरे क्यों चलना पड़ता है?


(क) शंकु के आकार वाले जाल में ज्यादा मछलियां आ जाती हैं। इसीलिए बाँस से बने शंकु के आकार के जाल का इस्तेमाल मछलियां पकड़ने में किया जाता है।

(ख) शंकु का ऊपरी हिस्सा अंडाकार होता है और नीचे का हिस्सा गोलाकार परिधिवाला होता है।


(ग) जिस जाल से मछलियां पकड़ी जाती है शंकु के आकार वाला वह बाँस से बना होता है। बार-बार पानी में इसे डालकर मछलियां पकड़ने से वह गीला हो जाता है। वहीं पानी से निकाली गई मछलियों का भार भी ज्यादा होता है। ऐसे में अगर तेजी से चलेंगे तो भार की वजह से मछलियां आपस में टकराएंगी और मछलियां पकड़ने वाला जाल भी टूट सकता है।


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